Gold में RBI ने कर दिया बड़ा खेल ! Finance News

Finance News : दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों ने नवंबर 2024 में अपने गोल्ड भंडार में बड़ा इजाफा किया है. दुनिया भर में बड़े भू राजनैतिक तनाव, महंगाई के असर से गोल्ड की खरीदारी में तेजी देखी जा रही है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर में सेंट्रल बैंकों ने मिलकर 53 टन गोल्ड खरीदा. खास बात यह है की इसमें भारत का भी अच्छा खास योगदान रहा है.

RBI ने खरीदा बडी मात्रा में गोल्ड

WGC के मुताबिक RBI ने नवंबर में 8 टन गोल्ड खरीदा जिसके बाद RBI का कुल गोल्ड रिजर्व बढ़कर 876 टन हो गया है. इस तरह से 2024 में भारत ने कुल 73 टन गोल्ड की खरीदारी की. WGC की रिपोर्ट में दावा किया गया है की 2024 में गोल्ड खरीदने के मामले में भारत का स्थान पोलैंड के बाद दूसरा रहा है.

आंकड़ों के मुताबिक पोलैंड के नॅशनल बैंक ने 2024 में सबसे ज्यादा 90 टन गोल्ड की खरीदारी की इसके बाद पोलैंड का कुल गोल्ड रिज़र्व बढ़कर 448 टन हो गया है. पोलैंड की कुल रिजर्व में गोल्ड की 18 फीसदी हिस्सेदारी है.

अगर गोल्ड की खरीदारी में दिलचस्पी दिखाने वाले दुसरे देशों की बात करें तो पोलैंड के अलावा उज्बेकिसन के सेंट्रल बैंक ने नवम्बर में 9 टन गोल्ड खरीदा था. जिससे उसका कुल गोल्ड रिजर्व बढ़कर 382 टन हो गया. वह चीन के पीपल बैंक ने 6 महीने के गैप के बाद 5 टन गोल्ड खरीदा और अब चीन का कुल गोल्ड रिजर्व 2264 टन हो गया जो चीन के कुल रिजर्व का 5 फीसदी है.

कौनसे देश ने कितना गोल्ड खरीदा 

इसके अलावा कजाकिस्तान और जॉर्डन के सेंट्रल बैंकों ने भी अपने गोल्ड रिजर्व बढ़ाए है. WGC की रिपोर्ट के कजाकिस्तान ने 5 टन और जॉर्डन ने 4 टन गोल्ड की खरीदारी की है. दिलचस्प बात ये है कि कुछ देशों ने अपने गोल्ड रिजर्व में कटौती भी की है.

कौन से देशों ने बेचा अपना गोल्ड 

WGC के मुताबिक सिंगापुर की मॉनेटरी अथॉरिटी ने नवम्बर में 5 टन गोल्ड बेचा जिससे उसका कुल रिजर्व 223 टन रह गया. सिंगापुर ने 2024 में कुल 60 टन गोल्ड बेचा. इसके साथ ही फिनलैंड ने नवंबर में अपने गोल्ड रिजर्व का 10 फीसदी हिस्सा बेच दिया जिससे उसका कुल रिज़र्व अब 44 टन रह गया है. फिनलैंड का गोल्ड रिजर्व अब 1984 के बाद सबसे निचले स्तर पर है.

दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों की ये गोल्ड खरीदारी वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर दिखाती है. भारत जैसे देशों की लगातार गोल्ड खरीदारी आर्थिक स्थिरता की दिशा में उठा गए एक मजबूत कदम के तौर पर देखी जा रही है. आप इसके बारे में क्या सोचते हैं, कमेंट करके बताएं. और यह आर्टिकल पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों को शेयर करें.

पवन पाटील

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