Ketan Parekh के stock market Scam का SEBI ने किया खुलासा

SEBI exposed Ketan Parekh’s stock market scam : चेतन पारेख का नाम तो सुना होगा आपने, शेयर बाजार में इंटरेस्ट रखते हैं और बाजार के बारे में अगर थोड़ा-बहुत भी जानते हैं तो केतन पारेख का नाम आपके सामने ना आया हो ऐसा हो नहीं सकता. साल 2000 के शेयर बाजार घोटाले में पारेख की मुख्य भूमिका थी. जेल भी जाना पड़ा था और फिर सिक्योरिट मार्केट से 14 सालों के लिए प्रतिबंधित भी कर दिया गया था. लेकिन सवाल यह है कि आज अचानक केतन पारेख का मामला क्यों उठा? चलिए आपको बताते हैं क्यों हो रहा है केतन पारेख का जिक्र,

साल 2025 शुरू हो चुका है नया साल है और उम्मीद की जा रही है कि शेयर मार्केट के लिए यह साल अच्छा साबित होगा. लेकिन नया साल शुरू होते ही बाजार में एक नए घोटाले की हलचल भी है.

माना जा रहा है कि स्टॉक ब्रोकर केतन पारेख एक बार फिर सक्रिय है. सेबी ने एक घोटाले का खुलासा किया है, जिसमें पारेख और सिंगापुर स्थित व्यापारी रोहित सलमानंकर समेत अन्य लोगों के नाम शामिल होने की खबर है. 02 जनवरी को जारी आदेश में सेबी ने बताया कि केतन पारेख और रोहित सलमानंकर ने फ्रंट ट्रेनिंग की योजना बनाई थी. सेबी के मुताबिक करीब 65.77 करोड़ रुपये की अवैध कमाई जप्त की गई है. सेबी ने य़ह आदेश 22 संस्थानों के खिलाफ जारी किया है. सेबी के होल टाइम मेंबर कमलेश की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है. सेबी का मानना है की इस मामले में केतन पारेख को भी फायदा मिला है. सेबी ऑर्डर के मुताबिक सिंगापुर स्थित ट्रेडर रोहित के जरिए फ्रंट रनिंग की जा रही थी.

रोहित के फंड हाउस के साथ करीबी संबंध थे. रोहितने केतन पारेख के साथ मिलकर इस संबंध को भुनाया. रोहित जानकारियों को केतन पारेक तक ट्रांसफर करता था और केतन को व्यवस्थित तरीके से कमाई करा रहा था. इस मामले में PNB Metlife के equity डीलर पर भी एक्शन हुआ है. सेबी ने PNB Metlife India इंश्योरेंस कंपनी के इक्विटी डीलर सचिन और 08 अन्य इकाइयों से जुडी एक फ्रंट रनिंग योजना का भंडाफोड़ भी किया है. इन लोगों ने इस योजना के जरिए 21.16 करोड़ रुपए का अवैध लाभ कमाया था.

PNB Metlife ने कहा कि उसने जांच के दौरान सेबी के साथ पूरा सहयोग किया और इस मामले में शामिल, व्यक्ति के खिलाफ अनुशात्मक कार्रवाई की है. हालांकि कंपनी का कहना कि अपनी आंतरिक प्रक्रिया के तहत हमने अनुशासनात्मक कार्रवाई की है. Metlife कंपनी संचालन और पारदर्शता के कुछ मानको का अनुपालन करती है.

क्या होती है फ्रंट रनिंग 

यहां पर हम आपको यह बता देते हैं कि आखिर फ्रंट रनिंग होती क्या फ्रंट रनिंग एक ऐसा अवैध तरीका है जिसमें कोई ब्रोकर या ट्रेडर अपने लाभ के लिए किसी क्लाइंट ऑर्डर के बारे में गोपनीय जानकारी का फायदा उठाएं. फ्रंट रनिंग को बाजार मे हेर-फेर और अंदरूनी कारोबार का एक रूप माना जाता है. अब मान लीजिए X एक रिटेल इन्वेस्टर ABC कंपनी के एक हजार शेयर खरीदने नि लिए ऑर्डर देने के लिए अपनी ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करता है. ब्रोकरेज फर्म एक ट्रेडर Y को इसकी जानकारी देती है.

X के ऑर्डर प्राप्त करने के बाद Y को लगा की यह एक महत्वपूर्ण ऑर्डर था जो ABC कंपनी के स्टॉक की कीमत को संभावित रूप से बढ़ा सकता है. X के आर्डर को तुरंत एक्जीक्यूट करने के बजाय Y, X के आर्डर से पहले ABC कंपनी के स्टॉक खरीदने के लिए अपना ऑर्डर लेता है. Y का ऑर्डर भर गया है और बढ़ती मांग के कारण ABC कंपनी के स्टॉक की कीमत बढ़ जाती है. इस बार स्टॉक की कीमत एक निश्चित लेवल पर पहुंचने के बाद Y उससे पहले खरीदे गये. शेयरों को बेचता है, जिससे मुनाफा मिलता है. Y ने अपने क्लेम बेचने के बाद ही X के ऑर्डर को एकजक्यूट किया. इस पूरे प्रोसेस को फ्रंट रनिंग कहा जाता है.

इस मामले मे सेबी ने क्या दी जानकारी 

सेबी ने अपने आदेश में जानकारी दी है कि फंड हाउस जहां सालगांवकर के संबंध करीबी संबंध थे वे किसी ट्रेडर डील को अंजाम देने के बजाय रोहित के साथ बातचीत कर रहे थे. और पहली नजर में मिली जानकारी के मुताबिक सालगांवकर को इस सूचना को केतन पारेख के साथ शेयर कर फायदा उठाते थे. रोहित यह सूचना केतन पारेख तक पहुंचाकर अवैध प्रॉफिट कमा रहे थे. जब यह सूचना केतन पारेक तक पहुंचती तो वे इसका फायदा उठाते हैं और अलग-अलग अकाउंट को अंजाम देते हैं.

कौन है केतन पारेख 

केतन पारेख पेशे से चार्टर्ड अकाउंट था. और ब्रोकरेज फैमिली से भी आता था. शुरुआत में वह स्टॉक मार्केट में हर्षत मेहता के साथ काम करता था. साल 1999 से 2000 के दौरान स्टॉक मार्केट में इसकी टूटी बोलती थी. यह जिस भी शेअर को हाथ लगाता वो रॉकेट बन जाता था. और जिस शेअर को बेज देता. उसमें तेज गिरावट आती थी निवेशको कि इसकी हर एक्टिविटी पर नजर थी. इसलिए कोलकाता स्टॉक एक्सचेंज में एक बड़ा नेटवर्क बना लिया था. बाद में इसके कई घोटाले. सामने आए. साल 2000 के शेयर घोटाले में पारेख की मुख्य भूमिका थी. और जेल भी जाना पड़ा था. अब एक बार फिर बड़े फ्रंट ट्रेनिंग घोटाले में पारेख का नाम सामने आया है.

पवन पाटील

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