Share market news : शेयर बाजार बंद होने के बाद एक निगेटिव खबर मार्केट के लिए आई है. इस खबर से बाजार के सेंटीमेंट कमजोर पड सकते हैं. यह खबर भारत की इकोनॉमी से जुड़ी हुई है. चालू कारोबारी साल के सरकार ने जीडीपी का अनुमान जारी किया है.
क्या कहते हैं आंकड़े
NSSO आंकड़ों के मुताबिक कारोबारी साल 2025 में देश की आर्थिक ग्रोथ 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है. यह अनुमान बीते 4 सालों में सबसे कम है. इससे पहले कारोबारी 2020 में जीडीपी ग्रोथ 3.9 फीसदी और कारोबारी साल 2021 में निगेटिव 5.8 फीसदी रही थी. यह दोनों इस साल कोरोना से प्रभावित थे. और देश में लंबे समय का लॉक डाउन लगा था. कारोबारी साल 2025 में जीडीपी ग्रोथ 6.45 फिसदी से कम रहना बड़ा झटका हो सकता है.
बीते कारोबारी साल में आर्थिक ग्रोथ 8.2 फीसदी रही थी. यह गिरावट भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक चेतावनी हो सकती है. बड़ा सवाल यह है की आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार धीमी क्यों हो रही है.
क्यों आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार धीमी पड रही है
ग्रोथ में कमी के पीछे तीन बड़े कारण माने जा रहे हैं. पहला घरेलू खपत में कमी. दूसरा बढ़ती महंगाई और तीसरा विदेशी निवेश में कमी आने को माना जा रहा है. इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की ग्रोथ में कमी भी ग्रोथ में गिरावट के पीछे बड़ा कारण है. भारत की इकोनॉमी में सर्विस सेक्टर का भी बड़ा योगदान है.
अब आते हैं ग्रोथ में कमी के अनुमान को बाजार के लिए झटका क्यों कहा जा रहा है.
ग्रोथ मे कमी के कारण कंपनियों पर पड़ेगा असर
ग्रोथ में कमी का सीधा असर कंपनी के नतीजों पर आ रहा है. दूसरी तिमाही में कंपनी के नतीजे उम्मीद से कम आए थे. ग्रोथ में कमी का असर तीसरी तिमाही में भी कंपनियों के नतीजों पर आ सकता है, कंपनी के आय और मुनाफे पर दबाव दिख सकता है, खराब नतीजे वाली कंपनियों के शेयर टूट सकते हैं.
इन सेक्टरों में हुई है ग्रोथ
कुछ सेक्टर ऐसे भी है जहां ग्रोथ में बढ़ोतरी हो सकती है. इनमें एग्रीकल्चरल, कंस्ट्रक्शन और फाइनेंशियल सेक्टर शामिल हैं. कारोबारी साल 2025 में एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ 3.8 फीसदी, कंस्ट्रक्शन की 8.6 फीसदी और फाइनेंशियल सेक्टर की ग्रोथ 7.3 फीसदी रह सकती है. यानी बाजार के निवेशकों को इन तीन सेक्टर पर फोकस करना चाहिए. अगर यह अच्छी ग्रोथ आएगी तो इसका सीधा फायदा इन क्षेत्र में कम कंपनियों को भी होगा.
फिलहाल गिरती ग्रोथ को संभालने के लिए आरबीआई को कुछ बड़े कदम उठाने की जरूरत है. अगर महंगाई काबू में रही तो हो सकता है रिजर्व बैंक फरवरी में रेट कट का ऐलान कर दे. फिलहाल बाजार और इकोनॉमी में मंदी का दौर लंबी अवधि के निवेशकों के लिए मौका भी हो सकता है. ऐसे में निवेशकों को महंगे शेअर सस्ते दाम पर मिल सकते हैं. यानी जो निवेशक 5 से 10 साल की अवधि के लिए बाजार में पैसा लगाने की सोच रहे हैं, उनके लिए यह अच्छा मौका साबित हो सकता है.
Disclaimer : ये पूरी खबर सिर्फ आपकी जानकारी के लिए तैयार की गई है. निवेश के लिए नही क्युकी हम बाजर मे निवेश की राय नही देते. बाजार में कहीं भी निवेश से पहले आप एक बार अपने finacial एडवाइजर की राय जरूर ले ले. क्युकी बाजार में निवेश जोखिमपूर्ण होते हैं.
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